🪷 परिचय आज की तेज़ रफ़्तार जिंदगी में हार्ट डिज़ीज़ एक आम समस्या बन गई है। जंक फूड, तनाव और व्यायाम की कमी से दिल पर असर पड़ता है। आयुर्वेद हमें सिखाता है कि अगर हम प्रकृति के नियमों के अनुसार जिएं, तो हमारा हृदय जीवनभर स्वस्थ रह सकता है। --- 🌿 आयुर्वेद में हृदय का महत्व आयुर्वेद में हृदय को शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना गया है। यह न केवल रक्त संचार का केंद्र है, बल्कि मन, आत्मा और चेतना का भी स्थान है। > चरक संहिता में कहा गया है — “हृदय सर्वेन्द्रियाणाम् अधिष्ठानम्” अर्थात – हृदय सभी इंद्रियों का अधिष्ठान (मुख्य केंद्र) है। --- ⚖️ तीनों दोष और हृदय का संबंध हृदय का स्वास्थ्य हमारे तीन दोषों – वात, पित्त और कफ – के संतुलन पर निर्भर करता है। 🌀 वात दोष बढ़ने पर – चिंता, अनिद्रा और धड़कन तेज़ हो जाती है। 🔥 पित्त दोष बढ़ने पर – गुस्सा, जलन और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। 💧 कफ दोष बढ़ने पर – कोलेस्ट्रॉल जमता है और ब्लॉकेज की समस्या होती है। --- 🍃 दिल को स्वस्थ रखने के आयुर्वेदिक उपाय 1. 🥗 सात्त्विक आहार अपनाएँ घी, दूध, ताज़े फल और सब्जियाँ खाएँ। फास्ट फूड, अधिक तेल और तले हुए पदार...